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बलरामपुर और श्रावस्ती में 4.5 लाख से ज़्यादा कोविड टीके उपलब्ध कराए गए और इन ज़िलों में टीके को लेकर हिचकिचाहट दूर करने के लिए 1700 अग्रिमपंक्ति के कार्यकर्ताओं की क्षमता निर्माण का कार्य किया गया

लखनऊ, 24 फरवरी 2023: कोविड-19 के खिलाफ उठाए गए वैश्विक प्रयासों में भारत अग्रिम मोर्चे पर रहा है और इसने अपनी 67% से अधिक वयस्क आबादी का संपूर्ण रूप से टीकाकरण कर लिया है। हालांकि, आबादी के एक बड़े हिस्से में अभी भी टीके को लेकर हिचकिचाहट है। जानकारी का अभाव, गलत जानकारी फैलना और गलत धारणाएँ जैसे कुछ कारण हैं, ज़्यादातर ग्रामीण इलाकों में, जिस वजह से कई लोग टीका लगवाने से दूर रहे हैं। इसका सामना करने के लिए और ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को कोविड टीका लगवाने के सरकार के प्रयासों में तेज़ी लाने के लिए बाल रक्षा भारत और सिस्को ने प्रोजेक्ट प्रतिरक्षा की शुरूआत की है। एक साल चलने वाले इस कार्यक्रम ने लोगों के बीच फैली गलत जानकारी और गलतफहमियों को दूर करने में मदद की है और उत्तर प्रदेश के बलरामपुर और श्रावस्ती ज़िलों के 24 खंड़ों में 4.5 लाख से अधिक कोविड-19 टीके सफलतापूर्वक लगवाने की महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।

“हम श्रावस्ती में टीककरण अभियान को बढ़ाने के लिए सेव द चिल्ड्रन और सिस्को द्वारा दिए गए समर्थन की सराहना करते हैं। “प्रोजेक्ट प्रतिरक्षा” में स्वयंसेवकों ने घर-घर जाकर सुनिश्चित किया कि अधिकतम लोगों को COVID 19 के खिलाफ टीका लगाया गया था, साथ ही सरकार द्वारा प्रदान की जा रही अन्य स्वास्थ्य सेवाओं तथा नियमित टीकाकरण के बारे में जागरूकता भी बढ़ा रहे हैं। सभी हितधारकों के साथ हाथ मिलाकर हम एक स्वस्थ, रोग मुक्त राष्ट्र के अपने सपने को साकार करने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार कर सकते हैं और समान और कुशल पहुंच बना सकते हैं,” डॉ. शारदा प्रसाद, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, श्रावस्ती जिला, उत्तर प्रदेश ने कहा।

इस भागीदारी के बारे में बात करते हुए, हरिश कृष्णन, मैनेजिंग डाइरेक्टर एवं चीफ पॉलिसी ऑफिसर, सिस्को ने कहा, “देश में प्रत्येक पात्र नागरिक को टीका लगवाने के एक चुनौतीपूर्ण मिशन पर भारत चल पड़ा है। हमें बहुत गर्व होता है कि सरकार का राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम सारी दुनिया में सबसे सफल और सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम रहा है। देश ने 220 करोड़ से अधिक कोविड टीके की खुराक लोगों को देने की एक महत्वपूर्ण और अविश्वसनीय उपलब्धि हासिल की है। एक सशक्त स्वास्थ्य प्रणाली उपलब्ध कराने और स्वास्थ्य के प्रति लोगों के दृष्टिकोण में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए सरकार के प्रयासों को सक्षम बनाने में सहायता करना “प्रोजेक्ट प्रतिरक्षा” का लक्ष्य है। अभी तक 4.5 लाख कोविड के टीके लगाए जा चुके हैं और यह तो केवल शुरूआत है। यह प्रोजेक्ट सार्वजनिक, निजी और नागरिक समाज के सहयोग का एक सच्चा उदाहरण है और सभी के लिए एक समावेशी भविष्य विकसित करने के सिस्को के प्रयासों को प्रदर्शित करता है।”

सुदर्शन सुची, चीफ एक्ज़ीक्यूटिव ऑफिसर, बाल रक्षा भारत ने कहा, “स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जानकारी की कमी इन सेवाओं के लोगों तक पहुँचाएं जाने के लिए अवरोध उत्पन्न कर सकती है और किसी देश के स्वास्थ्य और लोगों में इसके प्रति दृष्टिकोण पर इसका वास्तविक परिणाम हो सकता है। बाल रक्षा भारत को मौजूदा संरचना में ही एकीकृत किया गया है और यह लास्ट माइल तक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों की सराहना करता है। समुदाय जुटाना और सामूहिक कृति हमारी जड़ों में है और हम सार्वजनिक सेवा हेतु सहक्रियाशील और अनुपूरक बनने के लिए सिस्को का धन्यवाद करते हैं।”

इसके साथ ही, 1700 से अधिक अग्रिम पंक्ति कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया ताकि जमीनी स्तर पर टीके के प्रति लोगों की हिचकिचाहट और आशंकाओं को दूर किया जा सके। सामाजिक तौर पर लोगों को जुटाने और समुदाय को जोड़ने के लिए सूक्ष्म स्तर पर नियोजन करने के लिए बाल रक्षा भारत की टीम भी सहायता प्रदान करती रही है। स्कूलों में जागरूकता फैलाने के लिए ज़िला शाला प्राधिकरण (डीएसए) के साथ मिलकर 12-14 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को ध्यान में रखकर गतिविधियाँ आयोजित की गई जिससे दो ज़िलों में “प्रोजेक्ट प्रतिरक्षा” को ज़्यादा से ज़्यादा स्कूलों तक पहुँचने में सहायता मिली।

समुदाय में स्वास्थ्य देखभाल के प्रति दृष्टिकोण में सुधार लाने के लिए सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली और माताओं और समुदाय अग्रणियों के साथ नियमित बैठकों का आयोजन जैसे जागरुकता के लिए अन्य उपायों का उपयोग किया गया, जिससे राज्य में टीका लगवाने की संख्या में सुधार लाने के सरकारी कार्यक्रमों को सशक्त बनाया जा सका।

सुविधाओं से वंचित समुदायों सहित, जिनमें टीके को लेकर बहुत ज़्यादा हिचकिचाहट थी, उच्च-जोखिम क्षेत्रों और उच्च-जोखिम वाली आबादी पर इस प्रोजेक्ट का ध्यान केंद्रित किया गया। दोनों ही ज़िले नेपाल की सीमा से सटे हुए हैं और इसमें बड़े पैमाने पर “तराई” सीमा शामिल है जहाँ “थारू” जनजाति के लोग निवास करते हैं। कम साक्षरता दर वाले इस भूभाग तक पहुँच पाना मुश्किल है।

उत्तर प्रदेश राज्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) ने ज़मीनी स्तर पर समुदायों तक पहुँचने के लिए कई विशेष प्रयास किए हैं। आम लोगों तक किफायती, पहुँचयोग्य, उत्तरदायी, प्रभावी और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं पहुँचाने पर एनएचएम अपना ध्यान केंद्रित करती है। सर्वाधिक कमज़ोर समुदायों तक सरकार को पहुँचने में सहायता करने और प्रयासों में तेजी लाने पर प्रोजेक्ट प्रतिरक्षा का ध्यान केंद्रित है ताकि उन लोगों तक कोविड -19 के साथ साथ अन्य स्वास्थ्य देखभाल योजनाओं की वैज्ञानिक और सबूत आधारित जानकारी उपलब्ध हो सके।

बाल रक्षा भारत के बारे में

बाल रक्षा भारत भारत के 18 राज्यों में बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, संरक्षण और मानवीय/डीआरआर (आपदा जोखिम कमी) आवश्यकताओं के लिए कार्य करती है, विशेष रूप से उन बच्चों के लिए जो सबसे अधिक वंचित और अधिकारहीन हैं। ज़्यादा जानकारी के लिए www.savethechildren.in इस वेबसाइट पर जाएं।

सभी मीडिया पूछताछ के लिए इनसे संपर्क करें:

अंजली सिंह 8953934777 anjali.singh@savethechildren.in
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Pulkit Arora
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“ With over 12 years of dedicated experience in the social development sector, I am passionate about championing child rights and community empowerment through innovative communication strategies. As a Digital Marketing Manager for digital Campaigns and Communication with Bal Raksha Bharat (Save the Children), I have honed my expertise in orchestrating impactful campaigns online and fostering partnerships with key stakeholders to drive positive change."

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