बच्चों की पढ़ाई जारी रहनी चाहिए। शिक्षा बच्चों और देश के सुरक्षित भविष्य का मार्ग प्रशस्त करती है।
जब शिक्षा की बात आती है, तो कोई भी बच्चा – हम दोहराते हैं – कोई भी बच्चा पीछे नहीं रहना चाहिए। उनका सीखने का अधिकार निर्विवाद है। शिक्षा बच्चों को बेहतर भविष्य बनाने के लिए आवश्यक कौशल, आत्मविश्वास और ज्ञान प्रदान करती है। शिक्षित बच्चे ऐसे समाज का निर्माण करते हैं जो सशक्त होता है और अच्छी प्रगति कर सकता है। यह शिक्षा ही है जो एक विकसित राष्ट्र का आधार बनती है। शिक्षा ही सुरक्षित बचपन, सुरक्षित भविष्य के वायदे को साकार करने में मदद करेगी।
बाल रक्षा भारत (जिसे सेव द चिल्ड्रेन के नाम से भी जाना जाता है) भारत के ज़रूरतमंद बच्चों को शिक्षित और सशक्त बनाने में मदद करने के लिए लगातार कार्य कर रहा है। हमारा काम यह सुनिश्चित करने के इर्द-गिर्द घूमता है कि बच्चों को एक सुरक्षित वातावरण में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। हम बच्चों की शिक्षा को बेहतर बनाने में मदद के लिए भारत के अनेकों राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में बच्चों, शिक्षकों, देखभाल करने वालों, माता-पिता, समुदायों और सरकारी एजेंसियों के साथ काम करते हैं। हम उन बच्चों को फिर से स्कूली शिक्षा से जोड़ने में मदद करने की दिशा में भी काम करते हैं, जिन्होंने किसी कारण से स्कूल छोड़ दिया था।
पिछले साल, 2023 में, हम अपने शिक्षा कार्यक्रमों के माध्यम से 1.56 लाख से अधिक बच्चों तक पहुंचे। हम विभिन्न स्तरों पर सरकारी अधिकारियों के साथ परामर्श और सहयोग से काम करते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि बच्चों को शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल निर्माण पर सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से लाभ मिले।
लेकिन आपके सहयोग के बिना इनमें से कुछ भी संभव नहीं है।
भारतीय आयकर विभाग के नियमों के अनुसार, यदि कोई दानदाता कर छूट का दावा करना चाहता है तो उसे अपना पूरा नाम, पता और पैन नंबर जोड़ना आवश्यक है।
बच्चों की पढ़ाई जारी रहनी चाहिए। शिक्षा बच्चों और देश के सुरक्षित भविष्य का मार्ग प्रशस्त करती है।
जब शिक्षा की बात आती है, तो कोई भी बच्चा – हम दोहराते हैं – कोई भी बच्चा पीछे नहीं रहना चाहिए। उनका सीखने का अधिकार निर्विवाद है। शिक्षा बच्चों को बेहतर भविष्य बनाने के लिए आवश्यक कौशल, आत्मविश्वास और ज्ञान प्रदान करती है। शिक्षित बच्चे ऐसे समाज का निर्माण करते हैं जो सशक्त होता है और अच्छी प्रगति कर सकता है। यह शिक्षा ही है जो एक विकसित राष्ट्र का आधार बनती है। शिक्षा ही सुरक्षित बचपन, सुरक्षित भविष्य के वायदे को साकार करने में मदद करेगी।
बाल रक्षा भारत (जिसे सेव द चिल्ड्रेन के नाम से भी जाना जाता है) भारत के ज़रूरतमंद बच्चों को शिक्षित और सशक्त बनाने में मदद करने के लिए लगातार कार्य कर रहा है। हमारा काम यह सुनिश्चित करने के इर्द-गिर्द घूमता है कि बच्चों को एक सुरक्षित वातावरण में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। हम बच्चों की शिक्षा को बेहतर बनाने में मदद के लिए भारत के अनेकों राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में बच्चों, शिक्षकों, देखभाल करने वालों, माता-पिता, समुदायों और सरकारी एजेंसियों के साथ काम करते हैं। हम उन बच्चों को फिर से स्कूली शिक्षा से जोड़ने में मदद करने की दिशा में भी काम करते हैं, जिन्होंने किसी कारण से स्कूल छोड़ दिया था।
पिछले साल, 2023 में, हम अपने शिक्षा कार्यक्रमों के माध्यम से 1.56 लाख से अधिक बच्चों तक पहुंचे। हम विभिन्न स्तरों पर सरकारी अधिकारियों के साथ परामर्श और सहयोग से काम करते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि बच्चों को शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल निर्माण पर सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से लाभ मिले।
लेकिन आपके सहयोग के बिना इनमें से कुछ भी संभव नहीं है।
आपका योगदान हमें अधिक से अधिक बच्चों को शिक्षा के दायरे में लाने में मदद कर सकता है। हम साथ मिलकर उनके और देश के उज्जवल भविष्य को आकार दे सकते हैं। हम सब मिलकर एक जीवन बदल सकते हैं।
शिक्षा के लिए सहयोग करें
आपका समर्थन किसी बच्चे के जीवन में कैसे बदलाव ला सकता है
एक बार का सहयोग:
मासिक सहयोग:
आपका सहयोग बच्चों की शिक्षा में कैसे योगदान देता है
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टीचिंग- लर्निंग मटेरियल के
लिए मदद
हम लर्निंग किट और मॉड्यूल प्रदान करते हैं जिनका उपयोग माता-पिता बच्चों को प्रारंभिक स्तर की शिक्षा देने के लिए कर सकते हैं। अगर बच्चों को स्कूल छोड़ना पड़ता है या महामारी के दौरान उनकी शिक्षा में रूकावट आती है, तो शिक्षा सामग्री सीखने की निरंतरता को बनाये रखने में मदद करती है ।
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चाइल्ड फ्रेंडली शिक्षा केंद्र
हम भारत के विभिन्न हिस्सों में मल्टी एक्टिविटी सेंटर स्थापित करते और चलाते हैं जो जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण की जरूरतों को पूरा करते हैं। ये केंद्र बड़े बच्चों को व्यावसायिक सहायता भी प्रदान करते हैं। साथ ही, मेट्रो शहरों में कई शहरी झुग्गियों में, हम मोबाइल लर्निंग सेंटर चलाते हैं – एक बस को कक्षा में तब्दील कर दिया जाता है, जिससे जरूरतमंद बच्चों के द्वार तक शिक्षा पहुंचाई जाती है।
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स्कूल के बुनियादी ढांचे में सुधारहम स्कूलों में क्लासरूम के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए काम करते हैं, उन्हें और अधिक आकर्षक बनाते हैं। यह कक्षाओं के नवीनीकरण, दीवारों पर शैक्षणिक चित्र बनाना, शौचालयों के निर्माण, पुस्तकों के द्वारा पुस्तकालयों को स्टॉक करने और ऐसे कई अन्य सुधर कार्य किये जाते हैं।
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स्मार्ट क्लासरूम का निर्माणइस पहल का उद्देश्य तकनीकी नवीनीकरण को बढ़ावा दे कर लर्निंग के रिजल्ट में सुधार लाना है और इनफार्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर के ज़्यादा से ज़्यादा प्राइमरी स्कूलों में शिक्षा को बढ़ाना है ताकि बच्चों को साइंस विषय को समझने के लिए एक अनुभव पर आधारित शिक्षा दी जा सके। स्टेम यानि कि साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स पर आधारति शिक्षा बच्चों को एक नया अनुभव देती है। यह शिक्षक की क्षमता को बढ़ाकर और बच्चों के लिए चाइल्ड व् लर्निंग-फ्रेंडली वातावरण बनाने के द्वारा किया जाता है।
आइए, एक जरूरतमंद बच्चे को दें अच्छी शिक्षा का उपहार।
आपका सहयोग उनका जीवन बदल सकता है।